'एक फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में दो सुपरस्टार्स को लेना लगभग असंभव है, और इसलिये डायरेक्टर्स और लेखक इसकी कोशिश भी नहीं करना चाहते।'
फोटो: ऋतिक रोशन वॉर में।
डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद को पूरा विश्वास है कि 'हर फिल्म की अपनी क़िस्मत होती है' और 'दो फिल्मों की तुलना करना सही नहीं है'।
उनकी नयी फिल्म वॉर की 'क़िस्मत' काफ़ी अच्छी लग रही है जिसे क्रिटिक्स से सराहना मिली है, और दर्शकों को इससे प्यार हो गया है!
वॉर के नायक ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ और साथ में वाणी कपूर।
सिद्धार्थ को लगता है कि 'उन्हें एक फिल्म में लेना बेहद ख़ुशी की बात है' और उन्होंने रिडिफ़.कॉम की संवाददाता दिव्या सोलगामा को बताया कि ऐसा क्यों है।
आपने अपनी शुरुआत सलाम नमस्ते नामक रोमैंटिक फिल्म से की थी, लेकिन बाद में बैंग बैंग और वॉर जैसी फिल्मों के साथ आपने ऐक्शन के जॉनर में कदम रखा।
मुझे लगता है कि ऐक्शन जॉनर ने ख़ुद मेरा हाथ थाम लिया, और किसी एक जॉनर को गले लगाने का मेरा कोई इरादा नहीं था।
मेरे लिये कहानी सबसे ज़्यादा मायने रखती है।
कहानी रोमांचक होनी चाहिये।
जॉनर बाद में आता है।
अगर मैं कोई ऐक्शन फिल्म बनाऊं, तो उसमें रोमैंस और ड्रामा उसके मुख्य पहलू होंगे।
फोटो: सिद्धार्थ ऋतिक के साथ। फोटोग्राफ: Siddharth Anand/Instagram के सौजन्य से
रोमैंटिक फिल्म के मुकाबले ऐक्शन फिल्म शूट करना कितना मुश्किल होता है?
ऐक्शन फिल्में हमेशा रोमैंटिक फिल्मों से मुश्किल होती हैं क्योंकि रोमैंटिक फिल्में शूट करना बेहद आसान है।
आपका क्रू छोटा होगा, और आपको ज़्यादा प्लान नहीं करना पड़ेगा।
आपको ज़्यादा तैयारी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
ऐक्शन फिल्म में सावधानियाँ, सुरक्षा, प्लैनिंग और दर्शकों की उम्मीदों के मुताबिक फिल्म को बनाना बेहद मुश्किल होता है।
ऐक्शन सीक्वेंसेज़ में टाइगर श्रॉफ़ और ऋतिक रोशन को एक साथ संभालना कितना मुश्किल था?
टाइगर उम्र में छोटा है और ऐक्शन सीक्वेंसेज़ करने के लिये तैयार रहता है।
उसने इसकी ट्रेनिंग भी ले रखी है।
तो हमें ख़ुशी हुई कि हमें जो भी चाहिये हम उससे करवा सकते थे।
एक पड़ाव पर हम ऐक्शन सीक्वेंस की गंभीरता कम करने पर विचार कर रहे थे, लेकिन उसे हमेशा मुश्किल से मुश्किल ऐक्शन करना होता है।
टाइगर को लेने का यह सबसे बड़ा फ़ायदा था, और दूसरी बात यह है कि वह अपने स्टंट्स ख़ुद करता है।
डायरेक्टर के लिये यह बेहद ख़ुशी की बात होती है, जब ऐक्टर्स आँख बंद करके आपकी बात सुनते हैं।
ऋतिक की बात करें, तो मैंने उसके साथ बैंग बैंग में काम किया है, जो एक ऐक्शन फिल्म थी।
ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकता।
हमने उस फिल्म में कई गंभीर ऐक्शन सीक्वेंसेज़ किये थे, और कोई भी चीज़ उसे रोक नहीं सकती।
टाइगर और ऋतिक इतने अच्छे स्टार्स हैं कि हमने हमेशा स्टंट्स करते समय उन्हें कंट्रोल करने की कोशिश की है।
उन्हें एक फिल्म में लेना बेहद ख़ुशी की बात है।
फोटो: टाइगर श्रॉफ़ और ऋतिक वॉर में।
क्या वॉर में काम करने के लिये उन्हें मनाना मुश्किल था?
एक फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में दो सुपरस्टार्स को लेना लगभग असंभव है, और इसलिये डायरेक्टर्स और लेखक इसकी कोशिश भी नहीं करना चाहते।
लेकिन वॉर में हमारे सामने ऐसी कोई मुश्किल नहीं आयी, क्योंकि हमारी स्क्रिप्ट और कहानी दिलचस्प और रोमांचक थी।
ऋतिक और टाइगर ने उसी दिन फिल्म के लिये हाँ कर दी थी, क्योंकि हमारी फिल्म उनका दिल जीतने के लिये काफ़ी थी।
यश चोपड़ा ने एक बार कहा था कि एक फिल्म में दो सुपरस्टार्स की ईगो को संभालना बेहद मुश्किल होता है। आपके लिये यह कितना मुश्किल रहा?
हाँ, मैं मानता हूं कि यह मुश्किल है।
लेकिन अब, ऐक्टर्स काफ़ी प्रैक्टिकल हो चुके हैं।
अगर आप कोई बनावटी काम कर रहे हैं, तो ऐक्टर्स तुरंत इसे समझ जायेंगे। इसलिये आपको काम में वास्तविकता रखनी होगी।
साथ ही, हर कोई लगन से अपना काम करता है; सभी फिल्म को अपनी फिल्म मानते हैं। इसलिये सभी अपनी पूरी कोशिश करते हैं और ईगो इसके बीच नहीं आता।
फोटो: टाइगर सिद्धार्थ से अपनी लाइन्स सीखते हुए। फोटोग्राफ: Siddharth Anand/Instagram के सौजन्य से
क्या आपको चिंता थी कि एक का रोल दूसरे से छोटा होने के कारण ऐक्टर्स बुरा मान सकते हैं?
यह आपके कंट्रोल में नहीं है।
जब तक ऐक्टर्स स्क्रिप्ट के मुताबिक काम कर रहे हैं और आपने फिल्म स्क्रिप्ट के मुताबिक ही बनाई है, तब तक आपको कोई डर नहीं है।
दोनों ने फिल्म देखी और दोनों बेहद ख़ुश हैं, मुझे नहीं लगता मुझे अब किसी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
क्या बैंग बैंग में साथ काम करने के कारण ऋतिक को फिल्म में लेना आसान रहा?
बिल्कुल, यह काफ़ी आसान हो गया।
लेकिन ऐक्टर का अपने डायरेक्टर पर उतना विश्वास होना ज़रूरी होता है।
ऐक्टर आपके टैलेंट की पहचान नहीं होते, लेकिन जब कोई ऐक्टर किसी के साथ काम करने के लिये हाँ करता है, तो हमारी इंडस्ट्री उसे टैलेंटेड मानती है।
लेकिन असल में आपका काम ही आपकी पहचान बनाता है।
अगर आपका काम अच्छा है, तो वो हमेशा आपके साथ काम करेंगे।
फोटो: वॉर में वाणी कपूर।
आपने वॉर में कटरीना कैफ़ को क्यों नहीं लिया?
कटरीना वॉर की मुख्य अभिनेत्री के किरदार में फिट नहीं होती।
लोगों को फिल्म देखने के बाद यह बात समझ में आयेगी।
बैंग बैंग 2014 में रिलीज़ हुई थी। आपने अपनी अगली फिल्म के लिये पाँच साल क्यों लिये?
ऐसा कोई प्लान नहीं था। सही फिल्म लिखने में समय लग गया।
मुझे ख़ुशी है कि मैंने वॉर के लिये समय लिया।
बैंग बैंग के बाद मेरी अगली फिल्म वॉर से बेहतर हो भी नहीं सकती थी।
फोटो: वॉर में ऋतिक रोशन।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आप साथ ही साथ हॉलीवुड की जानी-मानी फिल्म रैम्बो की भारतीय रीमेक पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें आपने टाइगर श्रॉफ़ को लिया है।
हाँ। रैम्बो वॉर के बाद आयेगी।
रैम्बो बड़ी फिल्म लग रही है, इसलिये हमने पहले वॉर को ख़त्म करने का फ़ैसला किया।
अगर आपको हॉलीवुड की एक्सपेंडेबल्स का भारतीय रीमेक बनाना हो, तो आप अपनी फिल्म में किसे लेंगे?
मुझे लगता है मैं अमिताभ बच्चन, सनी देओल, संजय दत्त, अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ़, सुनील शेट्टी और नाना पाटेकर को लेना चाहूंगा।
फोटो: बैंग बैंग में ऋतिक और कटरीना कैफ़।
ऐक्शन जॉनर हॉलीवुड और दक्षिण भारत में काफी लोकप्रिय है, लेकिन बॉलीवुड अभी भी इससे दूर ही रहता है।
मुझे नहीं लगता कि ऐक्टर्स ऐक्शन फिल्मों से दूर रहना चाहते हैं।
कोई भी ऐक्टर ख़ुशी-ख़ुशी इन्हें करना चाहेगा।
मुझे लगता है कि बॉलीवुड के लोग कम ऐक्शन फिल्में बनाते हैं।
मुझे लगता है कि डायरेक्टर्स और राइटर्स अच्छी ऐक्शन फिल्में लेकर नहीं आ रहे हैं।
पिछले 10 सालों में मुश्किल से तीन या पाँच ऐक्शन फिल्में आयी होंगी।
हम देसी मसाला ऐक्शन फिल्में तो बना रहे हैं लेकिन बड़े पैमाने पर बेहतरीन और दमदार ऐक्शन फिल्में नहीं बना रहे।
फोटो: वॉर के सेट्स पर सिद्धार्थ और वाणी। फोटोग्राफ: Siddharth Anand/Instagram के सौजन्य से
ऋतिक की पिछली रिलीज़ सुपर 30 हिट रही। क्या इससे वॉर को लाभ मिलेगा?
जी हाँ। यह ऋतिक की फिल्म न भी होती तो वॉर को लाभ मिलता।
किसी भी मूवी की सफलता आगे की फिल्मों के लिये फ़ायदेमंद होती है, क्योंकि लोग थियेटर जाना शुरू कर देते हैं।
वॉर देखने के बाद प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा का क्या कहना था?
उन्होंने कहा कि यह सिद्धार्थ आनंद की अब तक की बेहतरीन फिल्म है। इससे मुझे काफी ख़ुशी और उम्मीद मिली है।
आपकी मनपसंद फिल्म कौन सी है?
मेरी मनपसंद फिल्म सलाम नमस्ते है -- मेरी पहली फिल्म होने के कारण नहीं, बल्कि इसलिये, क्योंकि यह आज भी उतनी ही नयी और ताज़ी लगती है।