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Rediff.com  » Movies » कटरीना: सलमान मुझे देखकर बहुत ज़्यादा ख़ुश नहीं हुए

कटरीना: सलमान मुझे देखकर बहुत ज़्यादा ख़ुश नहीं हुए

By पैट्सी एन
Last updated on: June 05, 2019 10:21 IST
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'लोग कहानियाँ बनाते रहते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि टाइगर ज़िंदा है  की रिलीज़ के बाद सलमान के साथ मेरी अगली मुलाकात भारत  के सेट्स पर ही हुई।

मेरे पहुंचने पर वो पहले से शूट कर रहे थे, और उन्होंने मुझे देख कर इतना ही कहा, 'कटरीना, व्हॉट्स अप?'

Katrina

फोटोग्राफ: Filmfare/Instagram के सौजन्य से

सलमान ख़ान का मानना है कि भारत में कटरीना कैफ़ के काम के लिये उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिल सकता है।

अब ये मज़ाक है या हक़ीक़त, ये तो कटरीना को भी नहीं पता, लेकिन वो मानती हैं कि उन्होंने इस किरदार पर कड़ी मेहनत की है।

यह उनके अब तक के सभी किरदारों से बिल्कुल अलग है और उन्हें लगता है कि इस परफॉर्मेंस के बाद फिल्म निर्माता उनके साथ 'नयी चीज़ें आज़माना' चाहेंगे।

"सलमान ने मेरे काम की तारीफ़ की और ये बहुत ही अच्छी बात है, क्योंकि इस रोल में मैंने अपना जी-जान लगा दिया है," उन्होंने पैट्सी एन/रिडिफ़.कॉम को बताया।

आप इंस्टाग्राम में सबसे तेज़ी से बढ़ते सितारों में से एक हैं।

मैं इंस्टाग्राम जॉइन करने वाली आखिरी स्टार भी हूं।

अब जॉइन करने के लिये और कोई नहीं बचा है।

आपको क्या लगता है, अब और कोई बचा है? मुझे नहीं लगता करीना आने वाली है।

यह मेरे लिये एक अच्छा फैसला रहा है।

पता नहीं क्यों; पर मैं हमेशा इसके ख़िलाफ़ थी।

मुझे याद है जब ट्विटर भारत में आया था, तो मेरे मैनेजर ने मुझे उस प्लेटफार्म को जॉइन करने के लिये कहा था। यह ट्विटर पर एक प्रचार की तरह था; आज कल सब लोग फ्री में पोस्ट करते हैं।

मुझे याद है कि मैंने कहा था, कि कुछ होने वाला नहीं है, इस प्लेटफार्म पर कोई नहीं आ रहा है, ये बकवास है।

लेकिन आज, 50 मिलियन लोग ट्विटर पर हैं।

कई बार मैं आगे की नहीं सोच पाती। मुझमें दूरदृष्टि नहीं है।

एक समय था जब मैं मेरे बारे में लिखी हुई ऐसी बातें पढ़ती थी, जो असल में सही नहीं होती थीं। ऐसे में मैं कुछ कर नहीं पाती थी।

मेरी समझ में ये नहीं आता था, कि औरों के मुकाबले मेरे बारे में ऐसी चीज़ें ज़्यादा क्यों लिखी जाती हैं। तब मुझे एहसास हुआ कि सभी के पास अपनी बात बोलने के लिये एक प्लेटफार्म है।

और तभी मैंने सोशल मीडिया पर आने का फैसला लिया।

साथ ही, इससे मैं अपने संदेश लोगों तक पहुंचा पाती हूं। जैसे पिछले 10 दिनों में, मैंने अपनी माँ और उनकी चैरिटी के बारे में चीज़ें पोस्ट की हैं... ताकि लोगों को आपके, आपकी ज़िंदग़ी के और आपके आस-पास चल रही चीज़ों के बारे में जानकारी मिल सके।

Salman Khan and Katrina Kaif with Bharat director Ail Abbas Zafar at the film's promotion.

फोटो: सलमान ख़ान और कटरीना कैफ़ भारत  के डायरेक्टर अली अब्बास ज़फ़र के साथ फिल्म के प्रमोशन में। फोटोग्राफ: Ali Abbas Zafar/Instagram के सौजन्य से।

आपने डायरेक्टर अली अब्बास ज़फ़र के साथ मेरे ब्रदर की दूल्हन, टाइगर ज़िंदा है  और अब भारत  में काम किया है। उनके साथ आपका सफर कैसा रहा है?

अली से मेरी पहली मुलाकात न्यू यॉर्क  के सेट्स पर हुई थी।

मैं (डायरेक्टर) कबीर खान के साथ काम कर रही थी, और अली उनके असिस्टंट डायरेक्टर थे।

मैंने अपने मैनेजर से कहा, 'मुझे ये लड़का बिल्कुल पसंद नहीं है, अगर दुबारा इसने मुझसे बात की तो मैं आदी (आदित्य चोपड़ा, न्यू यॉर्क  के निर्माता) से कह कर सेट्स से चली जाऊंगी।'

मैं सिंग इज़ किंग  के प्रमोशन्स के लिये मुंबई वापस आना चाहती थी; मैंने सिर्फ दो दिन मांगे थे।

लेकिन अली ने बेहद सख़्ती से मुझसे कहा कि मैं नहीं जा सकती।

तो हमारी पहली मुलाकात तो बेहद रूखी रही। धीरे-धीरे हमारी दोस्ती हो गयी।

मैंने देखा कि वो बहुत कड़ी मेहनत करता है और दिल का बहुत अच्छा है।

एक दिन, हम किसी चीज़ की ख़ुशी मना रहे थे और मैं टेबल पर नाच रही थी। घर वापस लौटते समय उसने मुझसे कहा कि यह सही व्यवहार नहीं है।

मैंने देखा कि वो असल में बहुत ही अच्छा इंसान है।

वो सख़्ती से पेश आता है, लेकिन अंदर से वो बहुत ही अच्छा है।

तब से हमारी दोस्ती हो गयी।

अली और करिश्मा (कोहली), एक और असिस्टंट डायरेक्टर मेरे दोस्तों के सर्कल में शामिल हो गये।  

मैं ज़िंदग़ी ना मिलेगी दोबारा  की शूटिंग कर रही थी, जब अली ने मुझे मेरे ब्रदर की दूल्हन  की स्क्रिप्ट भेजी। उसने कहा कि वो इस फिल्म को डायरेक्ट करेगा।

मैंने उससे पूछा कि क्या वो तैयार है, क्योंकि डायरेक्शन एक बहुत ही बड़ा कदम है।

उसने मुझसे कहा कि वो पूरी तरह तैयार है।

जब मैंने फिल्म को पढ़ा, तो मेरी समझ में आया कि उसने फिल्म मेरे लिये लिखी है -- जैसा उसने मुझे देखा है, न कि जैसा लोग मेरे बारे में जानते हैं।

डिम्पल का जो किरदार उसने लिखा है, वो लड़की बेहद चुलबुली, मस्तीखोर, बुद्धू है और लोगों के साथ मज़ाक करती रहती है... हमारे बीच का रिश्ता भी ऐसा ही था।

इस रोल में मेरे लिये काफी कुछ था और ये मेरे लिये अब तक के सबसे मज़ेदार रोल्स में से एक रहा है।

इसके बाद उसने गुंडे  और सुलतान  बनाई। किसी कारण से, हमने इन फिल्मों में साथ काम नहीं किया।

मैं भी दूसरे प्रोजेक्ट्स कर रही थी।

एक दिन, उसने बताया कि वो एक था टाइगर  की स्क्रिप्ट पर काम कर रहा है। मुझे नहीं लगा था कि कोई टाइगर की सीक्वेल भी बना सकता है। लेकिन ये यश राज के द्वारा फ्रैंचाइज़ का सबसे सही फैसला था।

मुझे कहानी बेहद पसंद आयी। मुझे मेरा किरदार भा गया।

लेकिन अगर मुझे चुनने के लिये कहा जाये, तो मुझे लगता है भारत  मेरी अब तक की बेहतरीन फिल्म है, जिसमें हमने साथ काम किया है।

कुमुद उसके द्वारा मेरे लिये लिखा गया सबसे ख़ूबसूरत किरदार है।

IMAGE: Katrina Kaif and Salman Khan in Tiger Zinda Hai.

फोटो: टाइगर ज़िंदा है  में कटरीन कैफ़ और सलमान ख़ान।

लेकिन ये किरदार आपके लिये नहीं लिखा गया था।

यही मेरे लिये वरदान साबित हुआ।

उसने बताया कि उसने ये किरदार किसी ख़ास व्यक्ति के लिये नहीं लिखा था, बस वो प्रियंका (चोपड़ा) के पास गया, क्योंकि उसने अभी-अभी टाइगर ज़िंदा है पूरी की थी और उसे लगा तुरंत मेरी और सलमान की जोड़ी को दुहराना सही नहीं रहेगा।

ये किरदार किसी के लिये लिखा नहीं गया था और उसे पूरा यकीन था कि मैं इसे नहीं करने वाली हूं, इसलिये ये किरदार बहुत ही अलग है।

जैसे ज़ोया (अखतर, डायरेक्टर) ने ज़िंदग़ी ना मिलेगी दोबारा  लिखते समय ही सोच लिया था कि उन्हें किसे लेना है। इसलिये उनमें थोड़ा कनेक्शन दिखता है।

इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं था, क्योंकि मेरे बारे में उसने सोचा ही नहीं था।

ये बात मेरे लिये वरदान साबित हुई क्योंकि इससे मुझे एक बेहद चुनौती भरा काम मिला, जैसा मैंने पहले कभी नहीं किया था।

फोटोग्राफ: Atul Agnihotri/Instagram के सौजन्य से।

सलमान बतौर को-ऐक्टर कैसे हैं?

बहुत ही अच्छे।

क्या आप अपना कोई अनुभव बताना चाहेंगी?

लोग कहानियाँ बनाते रहते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि टाइगर ज़िंदा है  की रिलीज़ के बाद सलमान के साथ मेरी अगली मुलाकात भारत  के सेट्स पर ही हुई।

मेरे पहुंचने पर वो पहले से शूट कर रहे थे, और उन्होंने मुझे देख कर इतना ही कहा, 'कटरीना, व्हॉट्स अप?

बस।

वो मुझे देख कर कोई बहुत ज़्यादा ख़ुश नहीं हुए।

सलमान सलमान है। वो जैसे आपके सामने हैं, वैसे ही मेरे सामने हैं। वो बस 'हम्म्म, हम्म' करते रहते हैं।

उसे पता था कि प्रियंका फिल्म नहीं कर पायेगी और अली की मेरे साथ अच्छी जमती है, इसलिये सलमान ने ये फैसला उसके ऊपर छोड़ दिया।

मेरे लिये ये जानना बेहद ज़रूरी था कि ये सब डायरेक्टर की सोच के मुताबिक हुआ है।

मुझे नहीं लगता कि सलमान का इससे कोई लेना-देना है।

मैंने सोचा था कि मेरा किरदार -- यानि कि पत्नी का किरदार -- भोला-भाला, सीधा-सादा होगा...

लेकिन जब मैंने इसे पढ़ा, तो मैं दंग रह गयी, क्योंकि प्रोमो देख कर आप समझ जायेंगे, कि वो ऐसी बिल्कुल नहीं है।

वो 1970 की एक आधुनिक, अपने पैरों पर खड़ी, मर्दों की दुनिया से लड़ती औरत है।

लेकिन उसके भीतर एक नारी का दिल भी है, वो शादी करना और माँ बनना भी चाहती है।

मुझे ये संतुलन बेहद ख़ूबसूरत लगा, और कुमुद के किरदार में यही चीज़ छुपी है।

वो 1990 के दशक की शुरुआत में एक न्यूज़रीडर बन जाती है, तो हमारे पास देखने के लिये कई उदाहरण थे -- दूरदर्शन के न्यूज़रीडर्स। जैसे अपने बालों में फूल लगाने वाली सलमा सुलतान।

इस किरदार को सजीव रूप में पर्दे पर लाना एक चुनौती थी।

फोटो: भारत  में कटरीना कैफ़।

सलमान ने कहा कि आपने इतना शानदार परफॉर्म किया है, कि आपको नेशनल अवॉर्ड मिल सकता है।

आप जानते हैं, जब सलमान बात करते हैं... हमेशा उनकी बात में ह्यूमर छुपा होता है।

ये चीज़ें कोई पहले से नहीं बता सकता --- दर्शकों को पसंद आना, अवॉर्ड मिलना, हम ये चीज़ें अभी नहीं जानते।

उन्होंने ये बात किसी और के लिये नहीं कही है।

तो फिर ये अच्छी बात है।

जब सलमान कोई बात कहते हैं, कभी-कभी वो बस कहने के लिये कह देते हैं, लेकिन उनकी बातों में सच्चाई ज़रूर होती है।

उन्होंने सेट्स पर भी ये बात कही थी।

सलमान ने मेरे काम की तारीफ़ की और ये बहुत ही अच्छी बात है, क्योंकि इस रोल में मैंने अपना जी-जान लगा दिया है।

फोटो: कटरीना कैफ़ और आमिर ख़ान धूम 3  में।

अली ने कहा कि इसमें दर्शक कटरीना का अभिनय देख पायेंगे। पहले आपके डांस की तारीफ़ की जाती थी, लेकिन ज़ीरो  और भारत  के बाद, अब लोग आपके अभिनय की बात करेंगे। क्या आपको अपने भीतर ये बदलाव दिखाई देता है?

मैं अब न्यूकमर नहीं हूं।

आप किसी पेशे में कैसे टिके रहते हैं?

आपको ऊपर उठना पड़ता है।

आपमें कुछ बेहतर, कुछ अलग ज़रूर होना चाहिये ताकि दर्शकों को लगे कि उन्होंने कुछ नया देखा है।

आपको अपने दर्शकों से जुड़े रहना चाहिये।

आप ऐसा कैसे करते हैं, वो आपका फैसला है, क्योंकि हर किसी का अपना-अपना अंदाज़ होता है, चाहे सलमान हो, आमिर हो, करीना हो, मैं हूं या कोई और।

मैं अपनी बहन से कहती रहती हूं कि ऐक्टिंग की कोई रूल बुक नहीं होती। आप ऐक्टिंग के बेहतरीन इंस्टिट्यूट, ली स्ट्रासबर्ग जाकर भी ऐक्टर नहीं बन पाते। और कई बार बिना किसी ट्रेनिंग के भी आप इंडस्ट्री के सबसे बड़े ऐक्टर बन जाते हैं।

लोग -- यानि कि फिल्म रीव्यू करने वाला मीडिया और दर्शक -- अब इस बदलाव को देख पा रहे हैं, और ये मेरे लिये बहुत मायने रखता है।

इससे बतौर ऐक्टर मुझे एक नया जीवन मिलता है।

इससे फिल्म निर्माताओं को कुछ नया आज़माने का हौसला मिलता है (मेरे साथ)।

कुछ फिल्में एंटरटेनमेंट, मज़े और मस्ती के लिये बनाई जाती हैं। आप किरदारों की गहराई में नहीं जाते। जैसे धूम 3 के लिये मैं अपने किरदार को जानने की कोशिश नहीं की थी। जैसे, ये लड़की कौन थी?

अगर आप धूम 3 मुझे आज दें, तो मैं ज़रूर ऐसा करूंगी। लेकिन तब मैंने ऐसा नहीं किया था।

उस समय बात सिर्फ गानों और ग्लैमर पर ख़त्म हो गयी थी।

कमली और मलंग गानों में हमने कुछ ऐसा दिखाने की कोशिश की है, जो पहले कभी नहीं दिखाया गया है।

मेरे लिये, गाने और डांस मेरे मनचाहे काम हुआ करते थे।

मेरे लिये, फिल्मों में मेरे गाने परफॉर्मिंग आर्ट्स की श्रेणी में आते हैं। वो मेरे लिये आइटम नंबर नहीं होते।

जब मैं छोटी थी, तब मुझे सिर्फ फ्रेड एस्टेयर, जिंजर रॉजर्स के म्यूज़िकल्स देखने दिया जाता था... सेवेन ब्राइड्स फोर सेवेने ब्रदर्स, सिंगिंग इन द रेन...

शो बिज़नेस को मैं इसी तरह देखती थी।

जब मैं यहाँ आई, तो मैंने माधुरीजी (दीक्षित), ऐश्वर्या (राय बच्चन) को देखा... नाचते समय उनके चेहरे पर ख़ुशी दिखाई देती है।

यही मुझे करना था।

मैं क्या पहनूंगी और गाना कौन सा होगा, ये बातें कभी मायने नहीं रखती थीं...

लेकिन अब इतने गाने और डांस कर लेने के बाद, मुझे किरदार निभाने में ज़्यादा ख़ुशी महसूस होती है।

मैं भारत  में डांस नहीं करना चाहती थी।

इसमें सिर्फ एक ही डांस वाला गाना है, ऐथे आ।

मैंने अली को बताया कि मैं डांस नहीं करना चाहती, लेकिन उसने कहा कि ये शादी का गाना है और शादियों में लोग नाचते ही हैं।

उन्होंने बताया कि गाना फिल्म की कहानी के साथ जाता है, और हम किरदार से दूर नहीं भाग रहे।

Katrina and Akshay Kumar

फोटो: कटरीना कैफ़ और अक्षय कुमार नमस्ते लंदन  में।

हमें आप ज़्यादा फिल्मों में क्यों नहीं दिखतीं?

अब मैं और कितना समय दूं? मैं पहले ही बहुत ज़्यादा काम कर रही हूं।

असल में, मैंने बहुत ही जल्द एक फिल्म साइन कर ली है (सूर्यवंशी)।

मैं हर फिल्म पर ज़्यादा मेहनत करने लगी हूं, इसलिये वक्त भी ज़्यादा लगता है।

मैं चुनौती भरे काम करना चाहती हूं, जो मैंने पहले नहीं किये हैं।

आप नये डायरेक्टर्स और ऐक्टर्स के साथ काम करना किस हद तक पसंद करती हैं?

बहुत!

मैंने आनंद राय सर के साथ काम किया (ज़ीरो  में)।

वो नये नहीं हैं, लेकिन मैंने पहले कभी उनके साथ काम नहीं किया था।

मैंने गट्टू (अभिषेक कपूर, फ़ितूर  में) और दादा (अनुराग बासू, जग्गा जासूस  में) के साथ काम किया है।

पहले मैं कोई भी मूवीज़ कर लेती थी; मेरे पास ज़्यादा विकल्प नहीं थे।

आपकी पहली कुछ फिल्में आपके भाग्य पर निर्भर करती हैं।

जब मुझे चुनने का मौका मिला, तो मैंने परफॉर्मेंस पर आधारित रोल्स चुनने शुरू किये। जैसे नमस्ते लंदन । लड़की का किरदार शानदार था, और उस समय अक्षय (कुमार) नयी लड़की के साथ काम करने के लिये तैयार हो गये।

न्यू यॉर्क  में मेरा किरदार सबसे शानदार था। नील नितिन मुकेश तब नये थे और जॉन (अब्राहम) उभर रहे थे।

अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी  रणबीर (कपूर) की दूसरी फिल्म थी, है ना?

इसके बाद मैंने मेरे ब्रदर की दूल्हन  की, जिसमें इमरान (ख़ान) एक न्यूकमर थे।

असल में, मैंने ऐसा कभी सोचा ही नहीं।

सबसे ज़्यादा ख़ुशी तब होती है, जब कुछ फिल्में और गाने सबसे आगे निकल आते हैं।

क्या अब आप निर्माता बनने जा रही हैं?

मैंने कुछ सोचा है -- असल में मैंने नहीं -- कुछ लोगों ने मुझे कुछ सुझाया है। मुझे ये सुझाव बेहद पसंद आये, और मैंने उनके प्रोड्यूसर के रूप में अपना नाम आगे कर दिया।

मैं हर अच्छी चीज़ के साथ अपना नाम ज़रूर जोड़ना चाहूंगी।

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