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पिक्स: अब होगी मल्लखंब की वर्ल्ड चैम्पियनशिप

February 21, 2019 12:21 IST

हितेश हरसिंघानी /Rediff.com पेश कर रहे हैं मुंबई में आयोजित मल्लखंब वर्ल्ड चैम्पियनशिप की कुछ झलकियाँ।

मल्लखंब वर्ल्ड चैम्पियनशिप का आयोजन पिछले वीकेंड पर मुंबई के प्रसिद्ध शिवाजी पार्क क्षेत्र के श्री समर्थ व्यायाम मंदिर में किया गया।

15 देशों ने इसमें हिस्सा लिया। लगभग 2,000 लोगों ने इस रोमांचक खेल समारोह को देखने का आनंद लिया।

किसे पता होगा कि जर्मनी, चेक रिपब्लिक, इटली, इंग्लैंड, यूएस, सिंगापुर, मलेशिया, वियेतनाम और ब्राज़ील में भी मल्लखंब करने वाले मौजूद हैं?

उदय देशपांडे, मल्लखंब के सबसे बड़े प्रशिक्षकों में से एक हैं, जिन्हें महाराष्ट्र में खेल का सबसे बड़ा सम्मान -- शिव छत्रपति लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिल चुका है -- और वे विश्व मल्लखंब फेडरेशन के डायरेक्टर और सेक्रेटरी जनरल हैं।

मल्लखंब एक पारंपरिक खेल है, जो भारतीय उपमहाद्वीप से शुरू हुआ था। इसमें जिमनास्ट सीधे खड़े या लटकते हुए लकड़े के खंभे, छड़ी या लटकती रस्सी के साथ हवा में योगासन और कुश्ती के करतब करता है।

मल्लखंब की जड़ें 12वीं सदी में पायी गयी हैं।

मल्लखंब नाम दो शब्दों को मिलाकर बनता है - मल्ल, यानि कि पहलवान और खंब यानि कि खंभा। इसका सीधा अर्थ है ‘कुश्ती का खंभा’, जो कि पहलवानों द्वारा अभ्यास के लिये इस्तेमाल किया जाने वाला एक पारंपरिक उपकरण है।

पहली प्रतिस्पर्धात्मक राष्ट्रीय मल्लखंब प्रतियोगिता का आयोजन 1958 में पहाड़गंज स्टेडियम, दिल्ली में किया गया था।

पहली मल्लखंब राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का आयोजन 1962 में ग्वालियर में राष्ट्रीय जिमनास्टिक्स चैम्पियनशिप्स के एक हिस्से के रूप में की गयी थी।

Hitesh Harisinghani