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'हर अभिनेता इस तरह की फिल्म करना चाहेगा'

October 22, 2019 10:23 IST

'इसकी स्क्रिप्ट को जिस तरह लिखा गया है, इसमें शामिल रिश्ते, गंभीरता, सब कुछ बेहद दमदार है।'

Nivin Pauly in Moothon.

फोटो: मूथॉन  में निविन पॉली।

बैंगलोर  और प्रेमम  में अपना जलवा बिखेर चुके, मलयालम सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक, निविन पॉली अब नये क्षेत्रों में अपने क़दम आज़माने निकले हैं।

उनकी नयी फिल्म मूथॉन  उन्हें ऐसी जगहों पर ले जा रही है, जहाँ वह पहले कभी नहीं गये हैं, जैसे टोरंटो फिल्म फेस्टिवल।

इस फिल्म ने उन्हें ऐसे अनुभव दिये जो उन्हें पहले नहीं मिले थे, जैसे ऐक्टिंग वर्कशॉप्स।

यह फिल्म उन्हें मुंबई भी लेकर आयी है जहाँ उनकी फिल्म को मुंबई फिल्म फेस्टिवल, MAMI में प्रीमियर किया जायेगा।

"मैं मुंबई इंडस्ट्री के लोगों को मिलना चाहता हूं, उनके साथ फिल्म देखना चाहता हूं और उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहता हूं," निविन ने पैट्सी एन/रिडिफ़.कॉम को बताया।

टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में आपका अनुभव कैसा रहा?

पहली बार मेरी कोई फिल्म TIFF जैसे बड़े फेस्टिवल में प्रीमियर की गयी है।

फिल्म को दुनिया भर में रिलीज़ करने के लिये ऐसा मंच मिलना शानदार सफलता है।

रेस्पाँस अच्छा था; लोगों को फिल्म पसंद आयी।

लोगों ने आकर हमसे बात की, हमें अच्छा फीडबैक दिया।

अनुभव सचमुच अच्छा रहा।

Nivin with Geetu Mohandas. Photograph: Kind courtesy Geetu Mohandas/Instagram

फोटो: गीतू मोहनदास के साथ निविन। फोटोग्राफ: Geetu Mohandas/Instagram के सौजन्य से।

गीतू मोहनदास इस फिल्म के लिये आपके पास कैसे आये?

जब भी हम मिलते थे, हम मूथॉन  की चर्चा करते थे -- स्क्रिप्ट, सीन्स और कलाकार भी।

जैसे-जैसे मुझे स्क्रिप्ट और सीन्स के बारे में पता चलता गया, यह फिल्म करने की मेरी इच्छा बढ़ती गयी।

मुझे ऐसा लग रहा था कि मुझे मुख्य किरदार निभाने का मौका मिलेगा।

मैं सोचता रहता था कि वो हमेशा दूसरे ऐक्टर्स के बारे में क्यों बात करती है, मेरे बारे में क्यों नहीं।

एक दिन उसने मुझसे पूछा और मैंने कहा कि मैं पूरी स्क्रिप्ट सुनना चाहूंगा।

इसे सुनने पर मुझे लगा कि यह काफ़ी दमदार है।

इसकी स्क्रिप्ट को जिस तरह लिखा गया है, इसमें शामिल रिश्ते, गंभीरता, सब कुछ बेहद दमदार है।

हर अभिनेता इस तरह की फिल्म करना चाहेगा।

गीतू को इस स्क्रिप्ट के लिये सनडांस फेस्टिवल में पुरस्कार मिला था। क्या यह भी एक कारण था?

नहीं, वैसा नहीं है।

बस मैं अलग-अलग तरह के फिल्म-मेकर्स के साथ काम करना चाहता हूं।

मुझे उसकी फिल्म लायर्स डाइस  बेहद पसंद आयी थी और मैं उस तरह की फिल्म करना चाहता था।

पहली बात तो गीतू इस तरह की फिल्म में कदम रखने के लिये सबसे अच्छी डायरेक्टर है और मुझे लगा कि मूथॉन  इसके लिये सबसे अच्छी फिल्म रहेगी।

A scene from Moothon.

फोटो: मूथॉन  का एक दृश्य।

गीतू एक अभिनेत्री भी हैं। उनका डायरेक्शन कैसा है? क्या वह पहले सीन्स कर के दिखाती हैं?

नहीं। उसका कहना है कि आपको चीज़ें अपने भीतर ढूंढनी चाहिये। अपने भीतर अकबर (उनके किरदार का नाम) को ढूंढो और अकबर को परफॉर्म करने दो।

उसका समझाने का तरीका शानदार है।

वह ऐक्टर के किरदार के मूड में होने और भीड़ के कारण ध्यान न भटकने पर बहुत ज़्यादा ज़ोर देती है।

वह ऐक्टर का ध्यान भटकने न देने का पूरा ख़्याल रखती है।

वह रौबीली है, लेकिन यह अच्छी बात है।

वह हमेशा कहेगी कि आप इससे बेहतर कर सकते हैं और आपका हौसला बढ़ाती रहेगी।

गीतू हमेशा सब्र से काम लेती है।

शूट के दौरान अंधेरा होने लग जाये और कुछ समस्या सामने आ जाये, तब भी वह अपने ऐक्टर्स को निश्चिंत रहने के लिये कहती है। ऐक्टर के तैयार होने पर ही वह शूट करती है।

वह कभी भी ऐक्टर पर जल्दबाज़ी में शूट करने का दबाव नहीं डालती।

वह उन्हें स्पेस देती है, जिससे ऐक्टर का आत्मविश्वास बढ़ता है।

आपने इस रोल के लिये किस तरह की तैयारी की थी? आपके सामने क्या चुनौतियाँ आयीं?

मैंने गीतू से कहा कि मैंने अब तक जो भी सीखा है, मैं सब भूलना चाहता हूं, क्योंकि मैं मूथॉन  के अपने किरदार को एक नये अंदाज़ में पेश करना चाहता हूं।

हमने मुंबई में अतुल मोंगिया के साथ एक वर्कशॉप किया था, जिसमें उन्होंने मेरे भीतर के संकोच को निकाला।

उन्होंने मुझे सिखाया कि किरदार को अपने भीतर से कैसे ढूंढ कर निकाला जा सकता है, कैसे डायरेक्टर-ऐक्टर और ऐक्टर-ऐक्टर संबंध बनाये जाते हैं... ये सारी चीज़ें मेरे काम आयीं।

मैंने पहले कभी कोई वर्कशॉप नहीं किया था, यह मेरा पहला अनुभव था।

यह अलग तरीके से चीज़ें करने की एक अच्छी शुरुआत थी।

ज़्यादातर सीन्स बेहद गंभीर थे, तो हमें सीन के भीतर जाने की तैयारी करनी पड़ती थी।

The Moothon team: Actors Roshan Mathew and Shashank Arora, Visual Effects Supervisor Rif Dagher, Actor Sobhita Dhulipala, Co-Producer Ajay Rai, Director Geetu Mohandas, Co-Producer Vinod Kumar, Nivin, Actor Melissa Raju Thomas and Producer Anurag Kashyap.

फोटो: मूथॉन  की टीम: अभिनेता रोशन मैथ्यू और शशांक अरोड़ा, विज़ुअल इफ़ेक्ट्स सुपरवाइज़र रिफ़ डागर, ऐक्टर शोभिता धुलिपाला, को-प्रोड्यूसर अजय राय, डायरेक्टर गीतू मोहनदास, को-प्रोड्यूसर विनोद कुमार, निविन, ऐक्टर मेलिसा राजू थॉमस और प्रोड्यूसर अनुराग कश्यप।

अनुराग कश्यप कब शामिल हुए?

शुरुआत से ही। वह तभी से शामिल हो चुके थे, जब मैं उनसे केरल में मिला था।

वह हिंदी डायलॉग्स के लिये शामिल हुए थे।

मैं केरल से हूं और मैं जानता हूं कि साउथ का हर ऐक्टर उनके साथ काम करना और जुड़ना चाहेगा।

वह बहुत ही अच्छे और विनम्र इंसान हैं।

उन्होंने फिल्म-मेकर्स और फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहुंचने का एक शानदार प्लैटफॉर्म दिया है।

उनके साथ जुड़ना मेरे लिये बड़ी बात थी।

क्या मूथॉन  हिंदी और मलयालम में द्विभाषी फिल्म के रूप में बनी थी? क्या आपने अपने हिंदी डायलॉग ख़ुद डब किये?

यह द्विभाषी फिल्म नहीं है।

इस फिल्म में दो भाषाऍं हैं। लक्षद्वीप का हिस्सा मलयालम में है और मुंबई का हिस्सा हिंदी में है।

फिल्म सिंक साउंड में है, तो डबिंग की कोई ज़रूरत नहीं पड़ी।

Nivin with Shashank Arora. Photograph: Kind courtesy Nivin Pauly/Instagram

फोटो: शशांक अरोड़ा के साथ निविन। फोटोग्राफ: Nivin Pauly/Instagram के सौजन्य से।

शोभिता धुलीपाला के साथ आपकी कैसी जमती है?

फिल्म के मुंबई जाने पर वह शामिल होती है।

हमारे साथ में कई सीन्स हैं. शोभिता और शशांक (अरोड़ा) मेरे अच्छे दोस्त बन गये हैं।

उन्होंने अच्छे डायरेक्टर्स के साथ कई अच्छी फिल्में की हैं।

शशांक बिल्कुल मेरे भाई जैसा है।

शोभिता मेरा हौसला बढ़ाती रहती है।

क्या आप मूथॉन  के MAMI प्रीमियर को लेकर नर्वस हैं?

मैं थोड़ा नर्वस और बहुत ज़्यादा ख़ुश हूं।

मैं मुंबई इंडस्ट्री के लोगों को मिलना चाहता हूं, उनके साथ फिल्म देखना चाहता हूं और उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहता हूं।

यह MAMI में मेरी पहली फिल्म है, जो कि अपने आप में रोमांचक बात है।

Photograph: Kind courtesy Nivin Pauly/Instagram

फोटोग्राफ: Nivin Pauly/Instagram के सौजन्य से।

आप अपनी फिल्में कैसे चुनते हैं?

पहली बार स्क्रिप्ट सुनने पर मुझे रोमांच महसूस होना चाहिये।

मैं कमर्शियल और पैरेलल फिल्मों के बीच सही संतुलन बना कर चलना चाहता हूं।

मैं हमेशा ऐसी स्क्रिप्ट्स की तलाश में रहता हूं, जो इन दोनों पर खरी उतरें। जैसे फिल्म में मूल्यों के साथ-साथ कमर्शियल सफलता की संभावना भी होना चाहिये, ताकि प्रोड्यूसर को उसके पैसे वापस मिल सकें।

मैं हमेशा उस संतुलन की तलाश में रहता हूं। कई बार यह काम करता है, कई बार नहीं करता।

यह तरीका पाँच साल पहले फिल्में चुनने के मेरे तरीके से बिल्कुल अलग है।

हम अपनी ग़लतियों को सीखते हुए आगे बढ़ते रहते हैं।

क्या आप हिंदी फिल्म में काम करना चाहेंगे?

अगर कुछ दिलचस्प काम करने का मौका मिले, तो मैं ज़रूर करूंगा।

मुझे हिंदी फिल्में ऑफ़र की गयी हैं। मलयालम इंडस्ट्री में व्यस्त होने के कारण मैं उनमें काम कर नहीं पाया।

मूथॉन  को रिलीज़ होने दीजिये, देखते हैं क्या होता है। 

पैट्सी एन